Jaydev Unadkat के संघर्ष, धैर्य और निरंतरता की अनकही कहानी, 12 साल की सफलता।

Jaydev Unadkat की कहानी हमें यह सिखाती है कि क्रिकेट केवल शोहरत नहीं, बल्कि संघर्ष, धैर्य और आत्म-विकास का नाम है। एक किशोर प्रतिभा से लेकर घरेलू दिग्गज बनने तक की यात्रा में उन्होंने कभी हार नहीं मानी। उनकी यात्रा हर उस युवा खिलाड़ी को प्रेरित करती है जो सपने देखता है, गिरता है, उठता है और फिर मेहनत से खुद को निखारता है—ताकि एक दिन खुद के लिए नहीं, बल्कि खेल के लिए जी सके।

Jaydev Unadkat की क्रिकेट यात्रा धैर्य, संघर्ष और निरंतर विकास की कहानी है। भारतीय क्रिकेट में कई तेज़ गेंदबाज़ हुए हैं, लेकिन उनाडकट की कहानी इसलिए अलग है क्योंकि उन्होंने समय-समय पर खुद को फिर से साबित किया है, कठिनाइयों के बावजूद।

jaydev unadkat की प्रारंभिक जीवन 

18 अक्टूबर 1991 को गुजरात के पोरबंदर में जन्मे जयदेव दीपकभाई उनाडकट ने कम उम्र में ही क्रिकेट में रुचि दिखानी शुरू कर दी थी। उन्होंने सेंट मैरीज़ स्कूल में पढ़ाई की और क्रिकेट की ट्रेनिंग ‘दुलेप सिंह स्कूल ऑफ क्रिकेट’ में कोच राम ओडे़द्रा के अधीन ली। उनकी स्वाभाविक स्विंग और बाएं हाथ की गति ने उन्हें गुजरात की जूनियर टीमों में तेजी से पहचान दिलाई। 2010 के अंडर-19 विश्व कप में उनके प्रदर्शन ने सभी का ध्यान खींचा, जहां उन्होंने गेंद को दोनों ओर स्विंग कराया और कई महत्वपूर्ण विकेट लिए। यहीं से उन्हें भारत की सीनियर टीम में बुलावा मिला।

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jaydev unadkat का अंतरराष्ट्रीय डेब्यू और शुरुआती झटके

जयदेव ने दिसंबर 2010 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया। यह एक कठिन शुरुआत थी। सेंचुरियन की उछालभरी पिच और दक्षिण अफ्रीका के मजबूत बल्लेबाज़ों के खिलाफ उन्हें विकेट नहीं मिला और इसके बाद अगले 12 वर्षों तक उन्हें टेस्ट खेलने का मौका नहीं मिला। उन्होंने 2013 में वनडे और 2016 में टी20 इंटरनेशनल में डेब्यू किया, लेकिन भारत की तेज़ गेंदबाज़ी में पहले से ही गहराई होने के कारण वह टीम में नियमित स्थान नहीं बना पाए।

आईपीएल यात्रा: उतार-चढ़ाव से भरी कहानी

jaydev unadkat ने 2010 में कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) से IPL में डेब्यू किया। इसके बाद उन्होंने रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर, राइजिंग पुणे सुपरजायंट, राजस्थान रॉयल्स, दिल्ली कैपिटल्स, चेन्नई सुपर किंग्स और लखनऊ सुपर जायंट्स के लिए खेला। 2017 में राइजिंग पुणे सुपरजायंट के लिए खेलते हुए उन्होंने 12 मैचों में 24 विकेट लिए और टूर्नामेंट में धमाकेदार प्रदर्शन किया। सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ उनकी हैट्रिक और पांच विकेट उनकी यादगार गेंदबाज़ी का हिस्सा रही।

इसके बाद राजस्थान रॉयल्स ने 2018 में ₹11.5 करोड़ में उन्हें खरीदा। लेकिन इस सीज़न में वह लय हासिल नहीं कर सके और आलोचना का सामना करना पड़ा। हालांकि, उनके अनुभव और विविधताओं के कारण टीमें उन पर भरोसा करती रहीं।

घरेलू क्रिकेट में चमक

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में मौके भले ही सीमित रहे, लेकिन घरेलू क्रिकेट में जयदेव एक महान योद्धा बनकर उभरे। सौराष्ट्र के लिए खेलते हुए उन्होंने टीम की गेंदबाज़ी की कमान संभाली और कप्तानी में भी शानदार भूमिका निभाई।2019-20 रणजी ट्रॉफी सत्र में उन्होंने 67 विकेट लेकर न सिर्फ सौराष्ट्र को पहली बार खिताब जिताया बल्कि एक सत्र में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले तेज़ गेंदबाज़ भी बने।उनकी रिवर्स स्विंग और सटीक लाइन-लेंथ उन्हें घरेलू क्रिकेट में खतरनाक बनाती है। वह विजय हज़ारे और सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में भी टीम के लिए निरंतर योगदान देते रहे हैं।

12 साल बाद टेस्ट में वापसी

दिसंबर 2022 में जयदेव ने बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट खेलकर एक ऐतिहासिक वापसी की। यह वापसी 12 साल और 2 दिन बाद हुई—भारत के लिए टेस्ट में सबसे लंबे अंतराल के बाद वापसी करने वाले खिलाड़ी बने। इस मैच में उन्होंने विकेट भी लिए और बताया कि समय और उम्र कभी बाधा नहीं होती अगर हौसला मजबूत हो।

गेंदबाज़ी शैली और कौशल

उनाडकट की ताकत उनकी विविधताओं में है। वह तेज़ गति के बजाय एंगल, सीम, स्विंग और स्लोअर बॉल्स पर भरोसा करते हैं। सीमित ओवरों में उनका बैक-ऑफ-द-हैंड स्लोअर गेंद उन्हें खास बनाता है। टेस्ट में वह रिवर्स स्विंग का बखूबी इस्तेमाल करते हैं। उनकी सोचने की क्षमता और रणनीति उन्हें एक चतुर गेंदबाज़ बनाती है।

मैदान के बाहर की शख्सियत

jaydev unadkat मैदान के बाहर भी एक सोचने-समझने वाले व्यक्ति हैं। उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य और खिलाड़ियों के संघर्षों पर खुलकर बात की है। वह युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा हैं। 2021 में उन्होंने अपनी मित्र रिन्नी से विवाह किया और दोनों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर अक्सर देखने को मिलती हैं, जो उनके सरल जीवन को दर्शाती हैं।

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भारतीय क्रिकेट में योगदान

हालांकि जयदेव की अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में लंबी पारी नहीं रही, लेकिन घरेलू क्रिकेट में उनका योगदान अमूल्य है। उन्होंने सौराष्ट्र को मजबूत बनाया, युवा खिलाड़ियों का मार्गदर्शन किया और प्रदर्शन से खुद को साबित किया। उनकी कहानी भारतीय क्रिकेट के उन अनगिनत खिलाड़ियों की है जो हमेशा सुर्खियों में नहीं रहते, लेकिन खेल की नींव उन्हीं पर टिकी होती है। 2025 तक जयदेव घरेलू क्रिकेट में सक्रिय हैं और आईपीएल में भी अपनी उपयोगिता बनाए हुए हैं। उनकी निरंतरता, अनुभव और फिटनेस उन्हें आगे भी मौके दिला सकती है—खासतौर पर टेस्ट क्रिकेट में भारतीय परिस्थितियों में। Read More Post http://mobilewalahai.co/Kavya Maran

FAQ 

jaydev unadkat wife

जयदेव उनादकट की शादी पेशेवर वकील रिनी कांतारिया से हुई है। इस जोड़े ने 15 मार्च, 2020 को सगाई की और 2 फरवरी, 2021 को एक अंतरंग समारोह में शादी के बंधन में बंध गए।  उनादकट ने बताया कि उनकी शादी उनके परिवारों द्वारा तय की गई थी।

jaydev unadkat age

18 अक्टूबर, 1991 को गुजरात के पोरबंदर में जन्मे जयदेव उनादकट वर्तमान में 33 वर्ष के हैं।

jaydev unadkat net worth

2025 तक, जयदेव उनादकट की कुल संपत्ति लगभग $5 मिलियन (लगभग ₹40 करोड़) होने का अनुमान है।  उनकी आय मुख्य रूप से उनके क्रिकेट करियर से आती है, जिसमें इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) अनुबंध, घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय मैच फीस, ब्रांड एंडोर्समेंट और निवेश शामिल हैं।  उल्लेखनीय रूप से, 2018 में, उन्हें राजस्थान रॉयल्स ने ₹11.5 करोड़ में खरीदा था, जो उनकी कमाई का चरम था।

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